मस्त विचार 3949

काश के दर्द का इक पैमाना होता,

रोज़ लिया करते हम थोड़ा थोड़ा..

किसी को आपका दर्द नज़र नहीं आता,

वे सभी आपकी गलतियाँ नोटिस करते हैं..

भी-कभी हम ये फील करते हैँ कि ‘काश’ वह मेरे पास होता.

_पर वो ‘काश’ जब सच में तब्दील होता है तो लगता है कि वो काश ‘काश’ ही रह जाता.

मस्त विचार 3948

“रास्ते” तो हर तरफ हैं, “निर्भर” आप _ पर करता है कि

_ “पार” करना है या “इंतेज़ार” करना है..

मस्त विचार 3947

जज़्बात कहते हैं.. खामोशी से बसर हो जाए..

दर्द की ज़िद है की दुनिया को खबर हो जाए..!

सब एक दूसरे से हैं बेखबर,

_मगर सबके पास खबर है..!

मस्त विचार 3946

लोग आपके रास्ते में गड्ढे करें, तो परेशान मत होना ;

_ क्योंकि ये वही लोग हैं, जो आपको छलांग लगाना सिखाएंगे..

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