मस्त विचार 3937
न कोई उम्मीद…न कोई चाह..
_ बस चलता रहता हूँ…अपनी राह…!
_ बस चलता रहता हूँ…अपनी राह…!
_ जिस पर पता ना लिखा हो तो कहीं नहीं पहुँचता..!!
_ विपत्तियों से ही इंसान ज्यादा निखरते हैं.
_ बस मेरा उसमे होना झलकना चाहिए.!!
_ कि वो लोग तेरे काबिल नहीं थे, जिन्हें तुझसे दूर किया मैंने..
_ बात शक की नहीं, हक़ की है..!!