मस्त विचार 3842
मुझे लगा दुख बांटने से कम हो जाएगा, _पर साथ ही डर था कि ;
_लोगों को खबर हो जाएगी तो नमक लगा देंगे.!!
_लोगों को खबर हो जाएगी तो नमक लगा देंगे.!!
इशारे में जहाँ लाखों मुक़द्दर बदले जाते हैं..
_ कुछ जबरदस्त, तो कुछ जबरदस्ती रो रहें होंगे..
_ फ़िर भी मैं रोज़ तेरी राह क्यूँ तकता हूँ.
_मैंने कितने आँसू बहाएं हैं तुम्हारे लिए…
_ पर कहीं न कहीं उंगली उठ जाती है अपनों पर..