मस्त विचार 3842

मुझे लगा दुख बांटने से कम हो जाएगा, _पर साथ ही डर था कि ;

_लोगों को खबर हो जाएगी तो नमक लगा देंगे.!!

मस्त विचार 3841

उसी महफ़िल से मैं रोता हुआ आया हूँ ऐ ‘यारो’,

इशारे में जहाँ लाखों मुक़द्दर बदले जाते हैं..

मस्त विचार 3840

मेरे मरने के बाद उफ़ वो भी क्या नज़ारे होंगें,

_ कुछ जबरदस्त, तो कुछ जबरदस्ती रो रहें होंगे..

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