मस्त विचार 3493
उजाला यूँ ही नहीं मिलता किसी को,
_ उसके लिए घने अँधेरे से हो कर गुजरना पड़ता है..
_ उसके लिए घने अँधेरे से हो कर गुजरना पड़ता है..
_ छोड़ कर अजनवी मोड़ पर “अपने” चले गए !!
_ मैं कई अपनों से वाकिफ हूं, जो पत्थर के बने हैं !!
_ सच यही कि ज़िन्दगी, ना जीत है ना हार है.
_ और मन को लगने वाली चोट समझदारी से जीना सिखाती है..