मस्त विचार 4617

” मैं पत्थर हूँ कि मेरे सर पे ये इल्ज़ाम आता है,

_ आईना कहीं भी टूटे, मेरा ही नाम आता है.!!”

हर जगह ‘पत्थर’ मारना जरूरी नहीं,

_ कभी-कभी ‘किनारा’ कर लेना ही समझदारी है.!!

मस्त विचार 4616

“ अपनी बातों को अपने मन में रखें,

बोलने से ज़्यादा करके दिखाने में आपका भरोसा होना चाहिए ”

मस्त विचार 4615

खुद से ही रिहा हो जाऊँ इतनी तम्मना है मेरी,

बिना किसी जुर्म के, मैंने खुद को बंद कर रखा है..!!

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