मस्त विचार 4414

किसी के हक़ में, किसी के ख़िलाफ़ लिख दूँगा,,,,,

मैं तो आइना हूँ, जो देखूंगा, साफ़ साफ़ लिख दूँगा.

मस्त विचार 4413

छोटी छोटी ख़ुशियाँ ही तो जीने का सहारा बनती हैं,

ख़्वाहिशों का क्या वो तो पल पल बदलती हैं.

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