मस्त विचार 4579
” मैं बहुत जानता हूँ “
ये सोच भी, आपके _ अपरिपक्व होने की निशानी है.
ये सोच भी, आपके _ अपरिपक्व होने की निशानी है.
तकलीफ़ तब होती है जब उस दुःख में कोई साथ नहीं होता…!!
खुशी हँसाती नहीं, ग़म मुझे अब रुलाता नहीं..
आख़िर में हम ख़ामोश हो गए..
हम उसे भी जीना सीखा देते हैं, जिसे मरने का शौक हो..
कुछ ” लम्हे ” जीने का तजुर्बा भी सिखाते हैं..