मस्त विचार 3367

सच्चाई ये नहीं कि ” इंसान बदल जाते हैं “

_ सच तो ये है कि ” नकाब ” उतर जाते हैं !

कोई पर्दे कोई मुखौटे कोई नकाब में है,

_ यकीं मानिए यहां कांटा हर गुलाब में है..!!

“जो तुझको काँटा बोए, ताहि बुए तू भाला.

_ वो भी भाई क्या जानेगा, पड़ा किसी से पाला !!”

मस्त विचार 3366

अजीब ढंग से मुझको मिली है आज़ादी !

_ परिंदा पिंजरे में पिंजरा हवा में रक्खा गया..!

पिंजरा खोल दो, तो भी पंछी उड़ा नहीं करते.

_ यह प्यार नहीं, आराम और आदत का मामला है..!!

मस्त विचार 3365

दिल की बात साफ़ साफ़ कह देनी चाहिये,

_ क्योंकि बता देने से फ़ैसले होते हैं, ना बताने से फ़ासले….

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