मस्त विचार 4167
“ऐब” भी बहुत हैं मुझमें, और “खूबियां” भी…!
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें…..!!
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें…..!!
बेहतर जगह पर हो जाता है,”
मुझसे इतनी दूर जा चुके हो क्या..?
हंसी उड़ाने वालों के चेहरे भी उतर जायेंगे..
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता.
शाम आती है तो, ढ़ल जाने को जी चाहता है.