मस्त विचार 4395
” क्या करना है ” सिर्फ यही हमारे हाथ में है,
” क्या होगा ” यह हमारे हाथ में नहीं है..
” क्या होगा ” यह हमारे हाथ में नहीं है..
जो तलाशता है उसे खामी दिखेगी.
नज़रअंदाज़ करने वालों से नज़र हम भी नहीं मिलाते.
जो खुद भी अब पहले जैसे नहीं रहे…
मीठा भी हो सकता है ज़हर कोई……..!!