मस्त विचार 4321
रोज़ दिल में हसरतों को जलता देखकर,
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर..
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर..
_उल्टा छींटें उड़ाने वाला खुद और ज्यादा गंदा नज़र आता है.!!
और फ़सल की तरह हम बरबाद हो गए”
अब गैरों पर भरोसा नहीं कर पाता हूँ….!!!
कोई था मेरा, जो मेरा हुआ ही नहीं !