मस्त विचार 4090
यहां हर शख्स मुसाफिर है, __एक दिन यादों से भी चला जाता है..!!
मुसाफिर हूँ मैं भी मुसाफिर हो तुम भी, किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी.!!
किसी के लिए कितना भी कर लीजिए..
_पर वो याद वही रखेगा ..जो आप कर नहीं पाये..!!
_पर वो याद वही रखेगा ..जो आप कर नहीं पाये..!!
_ ग़ैरों के मुक़ाबले अपनों से ही मिलता है.!!
_ बस मेरे कुछ अपनों ने मुझे ये प्यारा सा तरीका सिखाया !!
_ आप सब कुछ सह कर भी निखरने का हुनर रखते हो !!
_ दूसरों से कोई शिकवा नहीं.. पर अपनों पर नजर रखना..!!
उसकी खुशियां, उसकी मुस्कान, उसकी अच्छाई, उसकी सच्चाई..
_ कमाल कि बात यह है कि इतना कुछ छीन लेने के बाद भी वह खाली रह जाते हैं..!!
_ हर किसी के हुनर अलग ..अपने में लाजवाब हैं !!
कुछ भी नहीं तो शुक्र-ए-खुदा सीख जाओगे “…
_ धूल चेहरे पर थी ..और हम आईना साफ करते रहे..
_क्या पता था ..रहनें कों पत्थर ही आएगें.