मस्त विचार 4273
याद वो नहीं जो अकेले में आए,
याद तो वो है,जो महफिल में आए और अकेला कर जाए _
याद तो वो है,जो महफिल में आए और अकेला कर जाए _
_ लेकिन वो बस आज के लिए ही होंगे !!
_ कुछ लोग बदल गए.. तो कोई हमें बदल गया..!!
_ हर किसी ने अपना अपना रंग दिखाया..!!
_ जीवन का इक और सुनहरा साल चला गया !!
_ चला भी नहीं और चला भी गया !!
_ अपने और गैरों में भेद समझा गया..!
_ और सारे हादसों का इल्ज़ाम अकेला दिसंबर ढ़ोता है !!
_ जीवन तो अपने ही ढंग से चलता है.
तो ये संभव ही नहीं कि आपको ये दुनिया प्यारी न लगे.
उसने ये डर ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
वो ख़ुशी दफ़न थी कहीं हमारे ही अंदर..