मस्त विचार 4267
जिनमें खोकर हम ख़ुद को भी भूल गये,
क्या हमको भी उन आँखों ने ढूंढा होगा..
क्या हमको भी उन आँखों ने ढूंढा होगा..
एक ऐसी पहेली है, जो ज़िंदगी कहाती है,”
जो बोया है वो निकलना तय है..
मेरे पास तो अब मैं भी नहीं..
जिसे अपनी ऊंचाई पर यकीन नहीं होता है.
_ मगर आज के जमाने में इंसान इच्छाधारी होते है.. मतलब पूरा होते ही अपना रूप बदल लेते है.!!