सुविचार 4630
जो कर्म को छोड़ कर भागेगा, उसकी कर्म की ऊर्जा व्यर्थ के कामों में सक्रिय हो जाती है.
हम कुछ नहीं लगते जिनके लिए.!!
रो कर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है,
हार तो ज़िंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त,
क्यूँकि हार कर जीत जाने का मज़ा ही कुछ और है.
प्रत्येक दिन एक अच्छा इंसान बनने और अपनी पसंद के काम करने का एक अवसर है.
यूं किसी के पीछे पड़ कर खुद को जलील करवाना अच्छी बात नहीं.
क्योंकि पहले बहुत पास आते हैं बाद में बहुत दर्द देकर जाते हैं.
लेकिन उस वक्त उनको वो खो चुका होता है.