सुविचार 4478
बल्कि इस सोच के साथ जगो कि आज क्या कर सकते हो.
बल्कि इस सोच के साथ जगो कि आज क्या कर सकते हो.
किसी की भी उम्र इतनी लंबी नहीं होती कि वह हर गलती स्वयं करके स्वयं सीखे.
ये ज़ख़्म देते भी हैं और उन्हें भर भी देते हैं.
यहाँ सब गैर हैं, तो हँस के गुजर जायेगी.
_ तब हम अपने मन पर अनचाही छापें बना लेते हैं.
ग़म में जो मुस्कुरा दे उसका चेहरा पढ़ा करो !
मानसिक नोट्स लेना भूल जाइए कि कौन आपके वाइब्स को कम करता है, इस बात पर पूरा ध्यान दें कि कौन आपको _ जीवन से प्यार का एहसास कराता है __ फिर से उनके आसपास रहने की योजना बनाएं.
_ ज़िन्दगी का मुझमें, दूर तक नामो-निशाँ नहीं.!!
लेकिन फिर भी, सारे जगत का हिसाब है.