सुविचार 3602

जो व्यक्ति खुद में मस्त और खुश नहीं रह सकता,

_ उसको संसार की सारी दौलत मिल कर भी संतुष्टि नहीं दे सकती..

“-जो थोड़े से संतुष्ट नहीं है, वह किसी चीज़ से संतुष्ट नहीं है.”

“-खुश रहने का मतलब यह जानना है कि थोड़े से संतुष्ट कैसे रहा जाए.”

सुविचार 3601

” दुर्भावना से भरे मनुष्य की उपस्थिति मात्र से ही,

आस पास का समस्त परिवेश नकारात्मक उर्जा से भर जाता है,”

मस्त विचार 3476

आसान नहीं है उस शख्स को समझना ;

जो जानता सब कुछ हो ; पर बोलता कुछ भी नहीं…

जोर से मत बोलिए, कोई भी बोलता है तो मैं सिहर उठता हूं.

आदमी का जीवन कितना बड़ा होता है, जो उसे इस तरह गुजारा जाए ?

सुविचार 3600

जिस की अपनी कोई राय नहीं, बल्कि जो दूसरों की राय और रूचि पर निर्भर रहता है वह गुलाम है.

हम हमेशा दूसरों के बारे में अपनी राय बहुत जल्दी बना लेते हैं कि सामने वाला कैसा है !!
आप किसी के बारे में जो राय अपने मन में बनाते हैं,

_ कोई ज़रूरी नहीं कि वही सही हो.
_ राय आपके मन की फैक्ट्री में बनी है.
_ निर्माता आप है.
_ आप आजाद हैं किसी के लिए कुछ भी सोचने के लिए,
_लेकिन सार्वजनिक करने के लिए नहीं.
_ किसी के बारे में अपने मन की फैक्ट्री में बनी राय को ..किसी के सामने जाहिर करना, किसी की निंदा करना, चुगली करना, चरित्र हनन करना ..ये दुर्गुण है,
_ किसी को जज मत कीजिए.
_ तब तक बिल्कुल नहीं, जब तक आपके पास प्रमाण न हो.
_और ज़रूरी नहीं कि ..आपकी नज़रों का प्रमाण प्रमाण ही हो.
— बहुधा परिस्थितियां कुछ और बयां करती हैं ..जबकि वास्तविकता कुछ और होती है,
_ इसलिए किसी भी इंसान के बारे में कुछ राय बनाने से पहले उसके बारे में वास्तविकता का पता कर लेना चाहिए.
— लेकिन आम आदमी तो सोचने की जहमत भी नहीं उठाता,
_ बस कह बैठता है, ..अपने मन की फैक्ट्री से निकली बात..!!

सुविचार 3599

ज़िंदगी की भागदौड़ और तनाव में आपकी हंसी गायब न हो जाए, इसलिए खुलकर हंसे.

खुलकर हंसने से फेफड़ों में लचीलापन बढ़ता है और उन्हें ताज़ी हवा मिलती है.

मस्त विचार 3473

जब आप किसी से बदला लेने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लेते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से अपने मन में जहर घोल रहे हैं,

_ क्योंकि आप किसी ऐसे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने पर अड़े हुए हैं _जिसने आपको नुकसान पहुंचाया है.

_ एक बार जब वह बीज आपके दिमाग में जड़ें जमा लेता है और आप कार्रवाई करना चुनते हैं, तो आप एक ऐसे रास्ते पर चले जाते हैं जहां से आप वापस नहीं आ सकते.

घोलिए जहर न ज्यादा, सोचिए अगर पीना पड़ गया तो..
बेइज्जती का बदला लड़ाई करके नहीं ; _ शांति से कामयाब होकर लिया जाता है..
सबसे अच्छा बदला, कोई बदला नहीं लेना है..

_ आगे बढ़ें और उन लोगों की तरह न बनें ..जिन्होंने आपको चोट पहुंचाई है.!!

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