सुविचार 3602
_ उसको संसार की सारी दौलत मिल कर भी संतुष्टि नहीं दे सकती..
“-जो थोड़े से संतुष्ट नहीं है, वह किसी चीज़ से संतुष्ट नहीं है.”
“-खुश रहने का मतलब यह जानना है कि थोड़े से संतुष्ट कैसे रहा जाए.”
_ उसको संसार की सारी दौलत मिल कर भी संतुष्टि नहीं दे सकती..
“-जो थोड़े से संतुष्ट नहीं है, वह किसी चीज़ से संतुष्ट नहीं है.”
“-खुश रहने का मतलब यह जानना है कि थोड़े से संतुष्ट कैसे रहा जाए.”
आस पास का समस्त परिवेश नकारात्मक उर्जा से भर जाता है,”
जो जानता सब कुछ हो ; पर बोलता कुछ भी नहीं…
आदमी का जीवन कितना बड़ा होता है, जो उसे इस तरह गुजारा जाए ?
वरना कौन कहता है कि……” फिर मिलेंगे “
खुलकर हंसने से फेफड़ों में लचीलापन बढ़ता है और उन्हें ताज़ी हवा मिलती है.
_ जो हुआ, वो नुकसान नहीं था, वो एक सबक था.
कल कभी नहीं आता, हमेशा आज होता है.
_ क्योंकि आप किसी ऐसे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने पर अड़े हुए हैं _जिसने आपको नुकसान पहुंचाया है.
_ एक बार जब वह बीज आपके दिमाग में जड़ें जमा लेता है और आप कार्रवाई करना चुनते हैं, तो आप एक ऐसे रास्ते पर चले जाते हैं जहां से आप वापस नहीं आ सकते.
_ आगे बढ़ें और उन लोगों की तरह न बनें ..जिन्होंने आपको चोट पहुंचाई है.!!