मस्त विचार 4217
रोज सोचता हूँ, भूल जाउँ तुझे,
रोज ये बात, भूल जाता हूँ.
रोज ये बात, भूल जाता हूँ.
_ फिर आराम के समय आराम नहीं कर पाओगे.!!
वरना जहाँ बैठते थे रौनक ला दिया करते थे.
हाय ! उन किरदारों पर क्या गुज़री होगी.
मुझसे नफरत मत करो, _ क्योंकि मैं वह नहीं था जो तुमने सोचा था कि मैं था _ या तुम मुझे क्या बनाना चाहते थे, शुरू से अंत तक तुम मुझे सही तरह से नहीं जानते थे.
तुम्हारे बदले में किसको याद करें..
आप ख़ुद जैसे हैं वैसी ही चीज़ों को आकर्षित करेंगे.