मस्त विचार 4240
उसको खरीद नहीं सकते,
तुम्हें खुद को ही बिकना पड़ेगा !!
तुम्हें खुद को ही बिकना पड़ेगा !!
यहाँ हर चीज़ सिर्फ और सिर्फ अपनी-जैसी पैदा होती है, “
_ तो आप दूसरों की जरूरतों और वरीयताओं को पूरा करने में ही जीवन गुजार देंगे.!!
फिर मन से दोस्ती की और जीत गया..
_ उसने बोल : ऐसा सुना था होती थी कीमत ज़ुबान की.!!
लोग अपने आप बदल जाएंगे..
अगर तुम जो अपनेआप में ठहर जाओ, “
तेरे ही लिखे हुए अफ़साने का किरदार हूँ मैं….!!