सबसे बड़ी साधना, सबसे बड़ा त्याग, तो यह है कि आप अपने भीतर एक फ़िल्टर लगा लें.
_ इस दुनिया में जो भी हो रहा है, आपके कानों में जो भी सुनाई पड़ रहा है, आपकी आँखों को जो भी दिखाई दे रहा है,
_ वह सब आपके भीतर से गुज़रे तो, लेकिन आपके भीतर ठहरे नहीं, सब छन कर बाहर निकल जाए और केवल उतना ही आपके भीतर अटका रहे..
_ जितने भर की ज़रूरत आपके अस्तित्व के लिए ज़रूरी हो.
_ इस प्रकार आप भौतिक बुराइयों से बचे रहेंगे.
_ आपको न किसी पर प्यार आएगा, न क्रोध.
_ आपके भीतर न जिज्ञासा जन्म लेगी, न वासना.
_ आपमें न किसी को पाने की ललक उठेगी, न किसी के छूटने का संताप होगा.
_ फिर चाहे आपको ज़िन्दगी पुकारे या मृत्यु, आपके लिए दोनों के अर्थ समान होंगे.
_ यह फ़िल्टर लगाना हर आदमी के बस की बात नहीं..
_ लेकिन जो इसमें सफल हो गया, उससे बड़ा संत कोई नहीं.!!