सुविचार 4236

इंसान सही हो तो उसके साथ गरीबी भी खुशी खुशी कट जाती है..

इंसान गलत हो तो अमीरी भी बड़ी मुश्किल से कटती है…

सुविचार 4234

पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता, पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है,

_ वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि अपनी छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है..

पेड़ हूँ पौधा नहीं, हद में रहूँगा तो बिखर जाऊँगा..!!

मस्त विचार 4108

लाखों में एक बनें, न कि एक लाख एक ;

_ एक लाख एक यानी भेड़- चाल में चलने वाले और लाखों में एक यानी जिगरबाज़,

_ जो अपना रास्ता खुद चुन लेते हैं..

भेड़ कौन:- जो भीड़, प्रसिद्धि के आधार पर भीड की नजरों से खुद को देखता और उसी आधार पर चीजो को सही-गलत, तुच्छ-महान में गिन लेता.
भेड़ 😌

भेड़ किताबें नहीं पढ़ती
वे कविता नहीं लिखती
भेड़ भीड़ का हिस्सा है
वे एकांत में नहीं रहती
कला या विज्ञान में डूब जायें
ऐसा उनमें दिमाग़ नहीं
समाज को बदलने का सोचें
ऐसी उनमें आग नहीं
भेड़ चलती हैं एक ढर्रे पर
वे ख़ुद से कुछ सोचती नहीं
जीवन में हो ऊँचा मक़सद
वे ऐसा कुछ खोजती नहीं
पूरी ज़िंदगी है टाइमपास
वे अनमनी सी फिरती हैं
वे कभी कुछ रचती नहीं
वे हर समय बस चरती हैं
Vijeta Dahiya

सुविचार 4233

माहौल से ज्यादा व्यक्ति के भीतर ही बदलाव की जरुरत होती है.
हम हमेशा वह नहीं बदल सकते जो हमारे आसपास हो रहा है, लेकिन हम वह बदल सकते हैं जो हमारे भीतर होता है.

We can’t always change what’s happening around us, but we can change what happens within us.

सुविचार 4232

चुनौतियों का स्वीकार करो, क्यूंकि इससे या तो सफलता मिलेगी या शिक्षा_
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