कभी कभी, कितनी बातें कहनी होती है, जब कोई सुनने वाला नहीं होता है…।
यह भी विचार कीजिए कि कोई आपकी बात कब काटता है ?
_ सीधी सी बात है — जब आप उसे बोलने का मौका नहीं देते..
_ बोलने का मौका दीजिए, कोई आपकी बात कभी नहीं काटेगा..
_ अगर कोई आपसे कुछ बोलना चाहे तो उसे बोलने दें, बोलने दें और इतना बोलने दें कि वह थक जाए..
_ जब वह चुप हो जाए तो आप बोलना शुरू कीजिए..
_ आपको हैरानी होगी यह देख कर कि आपकी बात काटना तो दूर, वह आपकी हर बात से सहमत होता जाएगा..
_ ज्यादातर लोगों को शिकायत ही यह होती है कि उनकी किसी ने सुनी नहीं ;
_ आपने सुन ली, सावन का बादल हल्का हो गया..
_ अब वह उमड़-घुमड़ कर नहीं आएगा..
_ आपने उसकी बात नहीं काटी, उसने आपकी..!!
मस्त विचार 4247
हम चाहते तो उन्हें कब का मना लेते,
पर वो रूठे नहीं बदल गये हैं..
सुविचार 4372
ह्रदय से अच्छे लोग बुद्धिमान होने के बाद भी धोखा खा जाते हैं..
_ क्योंकि वो दूसरों को भी ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं.!!
दुनियां बुरी नहीं है, बस अब अच्छे लोगों ने बोलना बंद कर दिया..
_ इसलिए चंद बुरे लोग अच्छे लोगों पर हावी हो चुके हैं..!!
अटूट विश्वास करना किसी इंसान की कमज़ोरी नहीं है बल्कि उसकी अच्छाई है..
_ कमज़ोरी तो उसकी है जिसने उसके विश्वास को समझा नहीं और सबसे बड़ी नादानी भी.. ख़ैर अब कोयले की खान में हीरा सबको नसीब थोड़े होता है..
_ इसलिए अटूट विश्वास को करने वाला नहीं उसे छलने वाला अभागा रह जाता है..
– रिदम राही
सुविचार 4371
जब किसी की नज़रअंदाज़ करने की हद,
हद पार कर जाये तो अजनबी बन जाना ही मुनासिब होता है.
मस्त विचार 4246
परिंदों को मंजिल मिलेगी यक़ीनन, ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं.
अक्सर वो लोग खामोश रहते हैं, ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं
Collection of Thought 1034
“It does not matter how slowly you go as long as you do not stop.” Never give up…
“इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी धीमी गति से चलते हैं, जब तक आप रुकते नहीं हैं, ” कभी हार मत मानो…
सुविचार 4370
आप जैसे है सर्वश्रेष्ठ है अपनी तुलना दूसरों से ना करें,
क्योकि हर फल का स्वाद अलग अलग होता है.
मस्त विचार 4245
क्या बेचकर हम खरीदें ” फुर्सत ऐ ” ज़िन्दगी…
_ सब कुछ तो ” गिरवी ” पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में..!!
‘जिम्मेदारी’ वो पिंजरा है, जहाँ इंसान आजाद होकर भी कैद है..!!
सुविचार 4369
नेत्र हमें केवल दृष्टि प्रदान करते हैं, परंतु हम कब- किसमें क्या देखते हैं,
_ ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है.
जिन विचारों को कुछ लोग बिना पसंद किए छोड़ देते हैं,
_ वो जाने कितनों की ही भावनाएं होती हैं..!!
मस्त विचार 4244
इस भाग-दौड़ कि दुनियां में समझ नही आता की..
_ थकने के बाद शाम होती है या शाम होने के वजह से थकान..
“कभी-कभी बस कोई हमारी थकान समझ ले..- यही सबसे बड़ी राहत होती है.”





