चाहे जिन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं.
ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं. जो देखते हो उस का मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो कि क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाए हुए है, उत्सुक रहो.
बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की छमता है.
अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी सलाह होगी कि उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हें अच्छी तरह से करने से आप की विकलांगता नहीं रोकती, और उन चीजों के लिए अफसोस न करें जिन्हें करने में यह बाधा डालती है.
मुझे लगता है ब्रह्माण्ड में और ग्रहों पर जीवन आम है, हालांकि बुद्धिमान जीवन कम ही है. वहीं, कुछ का कहना है इस का अभी भी पृथ्वी पर आना बाकी है.
हम एक औसत तारे के छोटे से ग्रह पर रहने वाले बंदरों की एक उन्नत नस्ल हैं, लेकिन हम ब्रह्माण्ड को समझ सकते हैं, यह हमें कुछ खास बनाता है.
मैं चाहूंगा न्यूक्लियर फ्यूजन व्यावहारिक ऊर्जा का स्त्रोत बने. यह प्रदूषण या ग्लोबल वार्मिंग के बिना, ऊर्जा की अटूट आपूर्ति प्रदान करेगा.
लाइफ दुखद होगी अगर यह अजीब न हो.
जब किसी की उम्मीद एकदम खत्म हो जाती है, तब वह सचमुच हर उस चीज की महत्ता समझ पाता है जो उस के पास है.
मैं, बस एक बच्चा हूं जो कभी बड़ा नहीं हुआ. मैं अभी भी ‘कैसे’ और ‘क्यों’ वाले सवाल पूछता रहता हूं. कभीकभार मुझे जवाब मिल जाता है.
काम आप को अर्थ और उद्देश्य देता है और इस के बिना जीवन अधूरा है.
मेरा लछ्य स्पष्ट है. ये ब्रह्माण्ड को पूरी तरह समझना है, यह जैसा है वैसा क्यों है और आखिर इस के अस्तित्व का कारण क्या है.
विज्ञान लोगों को गरीबी व बीमारी से निकाल सकता है और सामाजिक अशांति खत्म कर सकता है.
कभीकभी मुझे आश्चर्य होता है कि क्या मैं अपनी व्हीलचेयर और विकलांगता के लिए उतना ही प्रसिद्ध हूं जितना अपनी खोजों के लिए.
मेरा विश्वास है कि चीजें खुद को असंभव नहीं बना सकती.
यदि आप यूनिवर्स को समझते हैं तो एक तरह से आप इसे नियंत्रित करते हैं.
वास्तविकता की कोई अनूठी तसवीर नहीं होती.
मेरी पहली लोकप्रिय किताब , ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री औफ टाइम, ‘ ने काफी रूचि पैदा की, लेकिन कई लोगों को इसे समझने में कठिनाई हुई.
हम यहां क्यों हैं ? हम कहां से आते हैं ? परंपरागत रूप से, ये फिलौसोफी के सवाल हैं, लेकिन फिलौसोफी मर चुकी है.