अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो, छह साल से पन्द्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो, सोलह साल से उन के साथ मित्रता करो, आपकी सन्तान ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है.
किसी भी मनुष्य की वर्तमान स्थिति देख के उसके भविष्य का उपहास मत उड़ाओ, क्योंकि काल में इतनी शक्ति है कि वो एक मामूली से भी कोयले को धीरे- धीरे हीरे में बदल देती है.
पृथ्वी पर केवल तीन ही रत्न हैं – जल, अन्न, और मधुर वचन ! बुद्धिमान व्यक्ति इनकी समझ रखते हैं, पर मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों को ही रत्न समझते हैं.
मनुष्य के चेहरे पर जो भाव उसकी आँखों के द्वारा प्रकट होते हैं, वे उसके मन की अनुकृति होते हैं, उन्हें देवता भी नहीं छुपा सकते.
शिछा सबसे अच्छी मित्र है, शिछित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है. शिछा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौन्दर्य दोनों ही कमजोर हैं.
जिस प्रकार घिस कर, काट कर, तपा कर और पीट कर चार प्रकार से सोने की परीछा की जाती है, वैसे ही पुरुष की परीछा भी चार प्रकार से होती है – त्याग, शील, गुण और कर्म से.
सुखी जीवन का सबसे बड़ा गुरुमन्त्र यही है कि हमें कभी भी अपनी राज की बातें किसी को नहीं बताना चाहिए,
जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें भयंकर कष्ट झेलने पड़ते हैं.
आवश्यक नहीं है कि हर कोई तुम्हारी शक्ति को पहचाने,
क्योंकि कुछ बातों को गुप्त रखना भी एक चतुराई है.
जिसने अन्याय पूर्वक धन इक्कठा किया है और अकड़ कर सदा सिर को उठाए रखा है. ऐसे लोगों से सदा दूर रहो. ऎसे लोग स्वयं पर भी बोझ होते हैं, इन्हें शान्ति कहीं नहीं मिलती.
जब तक आनंददायी वसंत ऋतु का आगमन नहीं हो जाता तब तक कोयल मौन रह कर अपना समय व्यतीत करती है. ऋतुराज के आते ही उसकी मधुर वाणी सुनाई देती है. बरसात में तो मेढकों का ही साम्राज्य रहता है अर्थात श्रेष्ठ मनुष्य उपयुक्त समय आने पर ही बोलते हैं.
जो जिसके मन में है, वह उससे दूर रह कर भी दूर नहीं है और जो जिसके मन में नहीं है, वह उसके समीप रह कर भी दूर है.
व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है.
किसी कार्य को कभी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए, अगले पल क्या हो जाए, कौन जानता है.
कठोर वाणी अग्निदाह { आग में जलने } से भी अधिक तीव्रता से दुःख पहुँचाती है.
व्यक्ति अपने गुणों से ऊपर उठता है, ऊँचे स्थान पर बैठने से ऊँचा नहीं हो जाता है.
जब तक तुम दौड़ने का साहस नहीं जुटाओगे, तुम्हारे लिए प्रतिस्पर्धा में जीतना सदा असम्भव बना रहेगा.
जब रिश्तों में झूठ बोलने कि आवश्यकता पड़े, तब समझ लेना कि अब रिश्ता समाप्ति की ओर है.
दूसरों की गलतियों से सीखो, अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी.
अधिक सीधा- साधा होना भी अच्छा नहीं होता है, सीधे वृछ काट लिए जाते हैं और टेढ़े वृछ खड़े रह जाते हैं.
अपार धन राशि कुबेर भी यदि आमदनी से अधिक खर्च करे तो कंगाल हो जाता है.
जो व्यक्ति शक्ति न होते हुए भी मन से हार नहीं मानता है, उसको दुनिया की कोई भी ताकत हरा नहीं सकती.
जैसे ही भय आपके करीब आए, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिए.
अपने कार्य की शीघ्र सिद्धि चाहने वाला व्यक्ति कभी नछत्रों की प्रतीछा नहीं करता है.
जो व्यक्ति अपने कर्म को नहीं पहचानता है, वह आँखें होते हुए भी अन्धे के समान है.
जो व्यक्ति अपनी गलतियों के लिए स्वयं से लड़ता है, उसे कोई भी हरा नहीं सकता.
इस संसार में सबसे शक्तिशाली हमारा मस्तिष्क है, किन्तु हम अधिकांश फैसले अपने दिल से लेते हैं.
बात को व्यक्त मत होने दीजिए कि आप ने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाए रखिए और उस काम को करने के लिए दृढ रहिए.
अच्छी योजना बनाना बुद्धिमानी का काम है, पर उस को ठीक से पूरा करना धैर्य और परिश्रम का.
यदि मार्ग कांटों भरा हो और आप नगें पांव हो तो रास्ता बदल लेना चाहिए.
उपाय करने से भी कार्य पूर्ण हो जाते हैं. कोई भी कार्य कठिन नहीं रहता है.
दोस्ती उन से बढ़ाइए, जिनका नजरिया दूरगामी हो.
जहाँ सुख से रहा जा सके, वही स्थान श्रेस्ठ है.
नाना प्रकार के उपायों को जानने वाला प्राणी कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी बुद्धि से सहज बना लिया करता है.