My Favourites – अकेलापन – Loneliness – एकाकीपन – अकेला और एकाकी – एकांत – उदास- उदासी- उदासीनता – 2012

*–वो क्या है जिसे हम अकेलापन कहते हैं. यह केवल दूसरों की अनुपस्थिति नहीं हो सकती, आप अकेले हो सकते हैं और अकेले नहीं, और आप लोगों के बीच रहकर भी अकेले हो सकते हैं. __ तो यह क्या है ? – Pascal Mercier

What is it that we call loneliness. It can’t simply be the absence of others, you can be alone and not lonely, and you can be among people and yet be lonely. So what is it ?–*

– Pascal Mercier

वास्तव में, हम चीजों से कैसे जुड़ते हैं ये मायने रखता है.

_ यह सोशल मीडिया नहीं है जो हमें उदास करता है; यह उससे हमारा रिश्ता है.

यह पैसा नहीं है जो हमें दुखी करता है; यह उससे हमारा रिश्ता है.

__यह हमारा साथी नहीं है जो हमें खुश करता है; यह उससे हमारा रिश्ता है.

_अपने आस-पास की दुनिया को बदलने के बजाय, दुनिया के साथ हमारे जुड़ाव के तरीके को बदलना बेहतर हो सकता है.” – Alexander Den Heijer

*– मैं आपको यह बता दूं: यदि आप किसी अकेले व्यक्ति से मिलते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि _ वे आपको क्या कहते हैं,

_ ऐसा इसलिए नहीं है _ क्योंकि वे अकेलेपन का आनंद लेते हैं.

_ ऐसा इसलिए है _ क्योंकि उन्होंने पहले भी दुनिया में घुलने-मिलने की कोशिश की है _ और लोग उन्हें निराश करते रहे हैं.

“अकेलापन एक दर्पण है, और खुद को पहचानता है.”- – Jodi Picoult

Let me tell you this: if you meet a loner, no matter what they tell you,

it’s not because they enjoy solitude.

It’s because they have tried to blend into the world before, and people continue to disappoint them.

“Loneliness is a mirror, and recognizes itself.” – Jodi Picoult

“उदासीनता एक खट्टी-मीठी भावना है; इसमें बीते दिनों की जटिल यादों को याद करने का कार्य शामिल है.

“Nostalgia is a bittersweet emotion; it entails the act of recalling complicated memories of bygone days.” – Kilroy J. Oldster

हर आदमी को, कुछ हद तक, दुनिया में अकेला रहना चाहिए. कोई भी हृदय कभी भी उसी साँचे में नहीं ढाला गया जैसा कि हम अपने भीतर धारण करते हैं. – Eric Berne

Every man must, in a measure, be alone in the world. No heart was ever cast in the same mould as that which we bear within us. – Eric Berne

Our emotions need to be as educated as our intellect. It is important to know how to feel, how to respond, and how to let life in so that it can touch you. – Jim Rohn

हमारी भावनाओं [ emotions ] को हमारी बुद्धि की तरह ही शिक्षित होने की आवश्यकता है.

यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे महसूस करें, कैसे प्रतिक्रिया दें और जीवन को कैसे आने दें _ताकि वह आपको छू सके. – Jim Rohn

– एकांत के तीन रूप हैं :- 1. अकेलापन, 2. एकांत, 3. केवल्य

तीनों में क्या फर्क है ?

अकेलेपन में दूसरा मौजूद रहता है, यानी कोई दूसरे की कमी खलती है.

एकांत में दूसरा नहीं स्वयं में रस लेता है, ध्यान रहे, अकेलापन सदा उदासी लाता है, एकांत आनंद लाता है।वे उनके लक्षण हैं।
अगर आप घड़ीभर एकांत में रह जाएं, तो आपका रोआं-रोआं आनंद की पुलक से भर जाएगा।
और आप घड़ी भर अकेलेपन में रह जाएं, तो आपका रोआं-रोआं थका और उदास, और कुम्हलाए हुए पत्तों की तरह आप झुक जाएंगे।
अकेलेपन में उदासी पकड़ती है, क्योंकि अकेलेपन में दूसरों की याद आती है।
– एकांत में आनंद आ जाता है, क्योंकि एकांत में रब से मिलन होता है, वही आनंद है, और कोई आनंद नहीं है.
केवल्य में दूसरा भी नहीं, स्वयं भी नहीं, दोनों चले गए, अब सिर्फ अस्तित्व है. उसमें ही आनंद है.
—————-अकेलेपन का मतलब अकेले रहना नहीं है, _ अकेलेपन का अर्थ आप जो भी हैं, आप वहां वापस जा सकते हैं.

_ अकेलेपन का विपरीत साथ नहीं, अपने लौटने की जगह _वापसी है.!!
AG:- 64 – ओशो
वो क्या है जिसे हम अकेलापन कहते हैं. यह केवल दूसरों की अनुपस्थिति नहीं हो सकती, आप अकेले हो सकते हैं और अकेले नहीं, और आप लोगों के बीच रहकर भी अकेले हो सकते हैं._ तो यह क्या है ? – Pascal Mercier

What is it that we call loneliness. It can’t simply be the absence of others, you can be alone and not lonely, and you can be among people and yet be lonely. So what is it ?- Pascal Mercier

आप किसी से प्यार कर सकते हैं और फिर भी उसे अलविदा कहना चुन सकते हैं._ आप हर दिन एक व्यक्ति को याद कर सकते हैं, और फिर भी खुश हैं कि वह अब आपके जीवन में नहीं है. – Tara Westover

You can love someone and still choose to say goodbye to them. You can miss a person every day, and still be glad that they are no longer in your life. – Tara Westover

“जीवन के सबसे अनमोल क्षण पूरी तरह शोर-शराबे वाले या हंगामेदार नहीं होते.”

_एकांत, मौन और स्थिरता के अपने गुण हैं.

कभी – कभी अपने ही अपनों का ऐसा तमाशा बनाते हैं, _ कि वो अपना कहलाने के लायक ही नहीं रहते ,,,!

— ” मैं अपनों का सोचता था…उन्होंने मुझे अपना सोचने पर मजबूर कर दिया.!!!”

“यह पूछने के बजाय कि मैं किसी के जीवन में कहां खड़ा हूं, मुझे अकेले रहना बेहतर लगा..”

कभी-कभी मैं अकेले समय बिताता हूं क्योंकि _हर दिन लोगों से _वही निरर्थक बातचीत सुनने कि इच्छा नहीं होती है.

क्यूंकि खुद से जीतने की जिद है मुझे, खुद को ही हराना है, मैं भीड़ नहीं हूँ दुनिया की, मेरे अंदर एक जमाना है.

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,

_ इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है”

*–” जो रिश्ता आपसे आपका स्वाभिमान छीन ले, वो रिश्ता _ रिश्ता नहीं, घुटन है..–*

*–मैं सब के साथ रहता हूं और फिर भी मैं अपने अकेलेपन का आनंद लेता हूं..–*

अकेलेपन को बोझ समझने के बजाय, _ उसे अपनी रचनात्मकता व बौद्धिकता से जीवंत बनाएं.”

– जब आप अकेले में भी मुस्कुराने लगें तो, _ समझ लें कि आप वाकई बहुत खुश हैं -“

अकेलापन तब महसूस नहीं होता, जब आप अकेले होते हो._

_ बल्कि तब महसूस होता है, जब कोई आपकी परवाह नहीं करता !

जीवन का ये मर्म है, ए मेरे दोस्त

किसी के साथ होकर भी अकेले जीना है

बड़े शहरों और बड़ी ईमारतों के बीच एक दिन काम और नाम तो बेइंतहा कर लोगे तुम

लेकिन अकेलेपन की इन दीवारों को नकली मुस्कुराहटों से ना तोड़ पाओगे

फिर एक वक़्त ऐसा भी आएगा

उन दीवारों से मोहब्बत कर बैठोगे ….

“- अकेले खड़े होने का साहस रखो, _ लोग ज्ञान देते हैं साथ नहीं..”

एक समय तक ही आँसु देता हैं दुख, _ फिर परिपक्वता देता है और शब्द छिन लेता है

_ कर देता है मौन…और सीखा देता है एकांत में जीना..

एक उम्र पर आकर हम समझने लगते हैं,, __ कि लोग अकेले रहना _ क्यों पसंद करते हैं !!
अकेले चलने वाले घमंडी नहीं होते, वो वास्तव में हर काम में अकेले काफी होते हैं..

–” तुम्हारा एकांत ही तुम्हें मनुष्य बना सकता है, _ भीड़ तुम्हें भेड़ बना देगी !!–“

मैं अकेला हूँ और मैं सबकुछ नहीं कर सकता,

इसका मतलब ये थोड़ी की मैं कुछ भी नहीं कर सकता.

जब से सुना वो हर जगह साथ है,

न जाने क्यूँ मुझे अकेलेपन से मोहब्बत हो गई..

अकेले रहने वाले लोग अपने आप में ही सम्पूर्ण महसूस करते हैं,

ये लोग खुद को ही अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं.

#एकांत अकेलापन नहीं है,

यह एक ऐसा एहसास है जिसकी कीमत हर किसी को नहीं पता है..

मनुष्य अपने एकांत में सबसे अधिक सुंदर है और सबसे अधिक सुखी भी..

.. किंतु साधारण मनुष्य यह देख नहीं पाता…. और यदि देखता है तो सह नहीं पाता..

अकेलापन कोई बुराई नहीं है. आप अकेले रह कर भी प्रसन्न, संतुष्ट, व सुखी रह सकते हैं, _ बशर्ते आप को अपने तरीके से जीने का साहस व आत्मविश्वाश हो.,!!
मानव मन ऐसा ही है _ जब एकांत में होता है तो भीड़ में आनंद देखता है _

_ और जब भीड़ में होता है तो एकांत की तरफ भागता है.

अकेले का जीवन जी कर भी उसका आनंद लिया जा सकता है.

किसी के साथ रहकर भी आनंदित हुआ जा सकता है.

_आनंद अकेले या साथ की बात नहीं है, जैसी भी स्थिति हो, उसमें मगन रहने का संकल्प है.

एक ऐसी दुनिया जो लोगों से भरी हुई हो, फिर भी एक बहुत ही अकेली जगह हो सकती है.

_ क्या आप कभी ऐसे कमरे से गुजरे हैं जो लोगों से खचाखच भरा हो और आपको इतना अकेलापन महसूस हुआ हो कि आप मुश्किल से अगला कदम उठा सकें ?

भीड़ में खोने से अच्छा है, एकांत में खो जाएं.

एकांत में भले कोई हमको न ढूंढे, हमारा रब तो हमें ढूंढ ही लेगा. _ वह कभी हमें अकेला नहीं रहने देगा.

फूल हमेशा एकांत में खिलता है और व्यक्ति के अंतःकरण का फूल भी एकांत में खिलता है. _ हर व्यक्ति को अपना एकांत संभालना चाहिए.

कभी कभी अकेले रहना ही ठीक होता है..!! _ ताकि कोई आपका दिल न दुखा सके…!!!

इंसान जब खुद का हो जाता है, उसे एकांत में सबसे ज्यादा मज़ा आता है .!
जो लोग एकांत पसंद करते हैं, _ उन्हें समझना आसान नहीं होता.
थोड़ा वक़्त लगेगा, पर यकीन मानो, अकेले बहुत सुकून मिलेगा.
अकेले रहने का आनंद लेना सीखें, क्योंकि कोई भी आपके साथ हमेशा के लिए नहीं रहेगा..!

सुंदर विचार जिनके साथ है, वे कभी एकांत में नहीं हैं !!

अकेलेपन को दूर करने के लिए हम अप्रभावी और अकुशल तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.

We use ineffective and inefficient methods to overcome loneliness.

हमेशा अकेले रहने के लिए तैयार रहें ; _ कुछ लोग अचानक बदल जाते हैं.

_ आज आप उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, कल आप उनके लिए कुछ भी नहीं हैं और यही वास्तविक जीवन है.

अगर कोई अकेला है तो इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि उसको कोई पसंद नहीं करता_

_ बल्कि वो अकेला इसलिए है क्योंकि उसने दुनिया की औकात जान ली..

अकेला होना मनुष्य का स्वभाव है..जब तक अकेले होने को स्वीकार न करोगे, __ तब तक बेचैनी रहेगी.

— ” यदि आप अकेले सहज महसूस करते हैं, तो आप एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं ” —

हमेशा तैयार रहो, अकेले रहने के लिए, क्योंकि कुछ लोग अचानक बदल जाते हैं,

आज आप जिसके लिए इम्पोर्टेन्ट [ Important ] हो, कल उनके लिए आपकी कोई वैल्यू [ Value ]नहीं रहेगी !!

अगर कोई अच्छा साथी न मिले तो अकेले ही राह पर चल दो ;

_आपकी प्रगति में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ रहने से बेहतर है, अकेले रहना..

अकेले रहना खूबसूरत है, _ अकेले रहने का मतलब अकेला होना नहीं है ; _

_ इसका अर्थ है कि मन समाज से प्रभावित और दूषित नहीं है..!!!

मेरा-तेरा का विचार ही सारे झगड़ों का कारण है.

मेरा घर, देश, पत्नी, पति, बेटा, बेटी, और आस्था ;

हमारे पास बहुत सारे “मेरे” हैं, और फिर भी लोग इतना अकेला महसूस करते हैं.

मुझे हमेशा ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई मेरे साथ है, _और मैं खड़े होकर सीधे उसकी आँखों में देख रहा हूँ, और पूछ रहा हूँ..

_ “क्या यही वह शांति है, जिसके लिए मैंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया ?”

लेकिन ये सवाल क्या है ? मैंने कभी भी सब कुछ बलिदान नहीं किया; मैंने सिर्फ अपने आप को और अपनी शांति को चुना,

लेकिन मैं वह हूं _जो अकेला रह गया हूं _जैसे कि मैंने कुछ गलत किया हो !!

_ क्या मैं खुद को चुन रहा था या अपने अकेलेपन को ?

जब हम मौन और एकांत के लिए समय निकालते हैं, तो हम खुद को आराम करने, तरोताजा होने और खुद से दोबारा जुड़ने का मौका देते हैं.

हम दुनिया को एक नई रोशनी में देखना शुरू कर सकते हैं और नए विचारों के साथ आ सकते हैं.

हम शांति और संतुष्टि की गहरी भावना भी विकसित कर सकते हैं.

हमारे व्यस्त जीवन में मौन और एकांत के लिए जगह बनाना आसान नहीं है ; लेकिन ये इसके लायक है.

यह एकमात्र तरीका है जिससे हम वास्तव में शांति और खुशी पा सकते हैं.

मैं अकेला तो हूं परंतु एक सकारात्मक बात यह है कि मुझे किसी के छोड़ जाने का भय नहीं है, _ और न ही किसी से कोई अनावश्यक उम्मीदें ,,_

_ मेरा संपूर्ण समय मुझे ख़ुद के ग्रोथ, शारीरिक मजबूती, मानसिक शांति और लक्ष्यों को अर्जित करने में लगाना है, यही मेरा वर्तमान जीवन का मुख्य उद्देश्य हैं…!!!

_ इस स्वकेंद्रित युग में अपनापन खोजना रेतीले मरुस्थल में पानी की खोज जैसा होते जा रहा है..!!

  • कोई नहीं साथ देता जब आप अकेले लड़ रहे होते हो, __ जहां तक कि लोग आपकी दयनीय स्थिति पर हँसते ही हैं_ ” यही सत्य है…!!!”
तुम सब संभाल सकते हो

तुम सब ठीक कर सकते हो
तुम सब कर लोगे
तुम हो तो हमें कुछ सोचने की जरूरत नहीं
तुम, तुम और तुम
हमारे अपने ये कह कह के किसी इंसान पर इतना बोझ डाल देते हैं कि इंसान चाहकर भी कुछ कह नहीं सकता है.
_ उम्मीदों का बोझ इतना मत डालिए कि कोई टूट ही जाए. _ किसी अपने से उम्मीद लगाने के साथ ज़रूरी है कि उसके कंधे पर हाथ रखे रहा जाए, _ उससे कहा जाए कोई बात नहीं, अगर कुछ ठीक नहीं भी हुआ _ तो भी हम साथ हैं.
एक शख्स रोना चाहता है लेकिन आपकी उम्मीदें उसे रोनें नहीं देती हैं, ये उसके साथ ज़ुल्म है.
_ कोई बिखर जाना चाहता है लेकिन उसके पास कोई एक ऐसा इंसान नहीं होता है जहां वो खुलकर चीखकर रो पाए.
_आपकी ज़रूरत से ज़्यादा उम्मीदें किसी को तोड़ सकती हैं. __ ऐसा ज़ुल्म न करें..!!
__ अकेले जूझते इंसान की तकलीफ, दर्द महसूस करें _ क्योंकि कुछ लोग कुछ कह नहीं पाते बस ख़ामोशी से ख़ाक होते रहते हैं.
– आपको किसी की जरूरत नहीं है; आप अकेले ही बेहतर हैं. _क्योंकि अकेले रहना कभी-कभी आपको हर चीज़ की सच्चाई दिखाता है, जिसमें आपके रिश्ते भी शामिल हैं.

_आप अपने सबसे बुरे डर का सामना करते हैं, और यह आपको निडर बना सकता है. _अकेलापन आपको तभी खाता है जब आप उसे खुद को खाने देते हैं.

_ यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो कुछ भी आपके सामने नहीं आ सकता _क्योंकि आपके पास कोई नहीं है _जो आपको चोट पहुँचा सके _या आपका मन बदल सके.!!

– कभी-कभी अकेले रहना, यहां तक ​​कि सैकड़ों लोगों के बीच भी, _उन लोगों से घिरे रहने से बेहतर है ;

_जो किसी भी समय आपको चोट पहुंचाने के लिए तैयार रहते हैं.

_यहां आम तौर पर सभी लोग एक जैसे हैं, मैं और आप, हम सभी किसी न किसी तरह से टूटे हुए हैं, अकेले किसी चीज़ से गुजर रहे हैं ?

साथ ही, हम उन लोगों के लिए रोते हैं जो परवाह नहीं करते, क्या प्यार पाने की भीख मांगने के बजाय अकेलेपन को चुनना बेहतर नहीं है ?

अपने अकेलेपन को आपको जहरीले लोगों से दोबारा जुड़ने न दें.

आप को प्यास लगने के कारण जहर नहीं पीना चाहिए.

कोई भी आपको खुश नहीं कर सकता, अगर आप अंदर से खुश नहीं हैं.

Don’t let your loneliness make you reconnect with toxic people.

You shouldn’t drink poison because you are thirsty.

Nobody can make you happy, If you aren’t happy inside.

अब बड़े-बड़े आलीशान मकान होंगे _ और मन छोटा हो जाएगा,

_ रुतबा तो होगा आपका _ लेकिन आप मुस्कुराने के बहाने ढूंढते रहोगे,
_ महँगे से महँगे कपड़े पहनोगे _ फिर भी आईने में कुछ सूनापन दिखेगा,
_ जिसके लिए आप सब कुछ छोड़ देंगे _ उसके पास आपके लिए समय नहीं होगा.
_ आपकी समझ के चर्चे तो सारी दुनिया में होंगे, पर जो अपना होगा, वह आपको रत्ती भर भी न समझेगा,
_ मैं जानता हूं कि _ये पंक्तियां आपको निराश करती हैं, लेकिन सच्चाई जानने के बाद ही आप ये समझ पाएंगे..!!
_ ” खुद की तलाश क्यों जरुरी है ” _” जीवन सहज क्यों बनाना है ” _ ” कुछ चीजों तक वापिस क्यों लौटना है “
आने वाले समय में आदमी के पास सब कुछ होगा, सारी भौतिक सुविधाएं होंगी,
_लेकिन उसकी ज़िंदगी उदास होगी और वो अकेला होगा.
_अकेलापन बहुत तेजी से महामारी का रूप लेने जा रहा है.
_ क्या महानगर, क्या छोटे नगर, हर घर की यही कहानी होने जा रही है.
_ ये एक बुरी भविष्यवाणी है, लेकिन जो भी इसे समझते हैं, रिश्तों की भाषा जानते हैं _तो ये देख पा रहे हैं कि आदमी न सिर्फ अकेला है, बल्कि उदास भी है.
इंगलिश में कहें, मेडिकल भाषा में कहें तो दस साल के बच्चों से लेकर जवान और बुजुर्ग तक अब डिप्रेशन के मरीज बन रहे हैं
_और दुख का विषय ये है कि हम डिप्रेशन या अवसाद को बीमारी नहीं मानते.
_बिखरते परिवार, टूटते रिश्ते, सोशल साइट के बढ़ते दबाव से अब ऐसे अनजान मानसिक वायरस सीधे दिमाग में घुस रहे हैं कि आदमी को पता भी नहीं चल रहा कि _कब वो सबके बीच रहता हुआ _अकेला हो गया..
Loneliness ( अकेलापन ) एक नया गंभीर रोग :

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घर के बाहर शोभा यात्रा निकल रहा रोज, बेंड बाजा बज रहा, भजन हो रहा, आप दिन भर भीड़ में शामिल है, घर में 10 -12 लोग रहते है इसका इस बात से कोई सम्ब्नध नही है की आप अकेले नही है. ‘अकेलापन या लोनलीनेस’ एक गंभीर बीमारी है जिसका सम्ब्नध कई और घातक बीमारियो से है.
वर्तमान में चाहकर भी, जिस सिस्टम में हम रहते और जीते है उसपे हमारा कोई नियंत्रण नही है. अब कारण चाहे इंटरनेट हो, पूँजीवाद हो या कोई और, लेकिन इंसानी इतिहास में इंसान इससे ज्यादा आइसोलेटेड ( एकांकी रूप से जुदा /अकेले ) कभी नही रहा है.
यही बात रोमेंटिक रिश्ते में भी हावी हो चूका है, आधा लड़ाई इस बात के लिए है की कोई किसी एक को बराबर समय नही दे पा रहा, और दुर्भाग्य से ये घर घर की कहानी है.
अभी हालिये में ढेर सारे रिसर्च हो रहे है पश्चिमी देशो में- और ये सामने आया है की अकेलेपन के कारण 4000 से ज्यादा यंग लोगो की मौत हो रही है हर साल ( सिर्फ अमेरिका में ही ).
चूँकि इस तरह का रिसर्च भारत में नही हो रहा _लेकिन ये मैंने बहुत करीब से अनुभव किया है कि _मै जितने लोगो को मिला -देखा हू _लगभग सब अकेले है, _बस इसके लिए कोई शब्दावली नही है या इसको जाहिर करने का कोई स्पेस नही है.
शादीशुदा है, रिश्ते में, बच्चे है इस सबसे भी इस अकेलेपन का कोई संबंध नही है. -कारण क्या है ?
‘कोर्टिसोल’ एक हारमोन है जिसे हमारा शरीर किसी भी तनाव की स्थिति में निकालता है, और लम्बे समय तक इस हार्मोन के शरीर में बने रहने के कारण – मतलब chronic loneliness ( लम्बे समय तक का अकेलापन ) के कारण चार गंभीर चीजे इससे जुड़ जाती है :
हार्ट की बीमारी
स्ट्रोक
एंक्जाइटी
गंभीर डिप्रेशन
अब ये जो चार चीजे है _वो दिमाग को कई परतो में गंभीर रूप से ऐसे प्रभावित करती कि _हमारी सोचने और समझने की क्षमता भी धीरे धीरे ख़तम होने लगती है,
हम जिन्दा तो रहते है, सब काम करते है, घर की जिम्मेदारी भी निभाते है _लेकिन एक मशीन सा बन गए होते है.
इस बढ़ रहे कोर्टिसोल के कारण भयंकर वजन भी बढ़ने लगता है, मसल कमजोर हो जाता है, और किसी भी चीज में एकाग्र भी नही हो सकते.
अब भले कहने में छोटा लगे की अकेलापन का क्या ? जाके कुछ मस्ती कर लो , या कुछ और चीज में बीजी [ Busy ] हो जाओ तो अकेलापन नही लगेगा —लेकिन ये सतही समाधान है.
मै नही जानता किसी को भी जो आज के इस समय में इस गंभीर रोग ‘ अकेलेपन ‘ का शिकार नही,
to be honest , सबके अकेलेपन का सोच सोच के ही मेरे को अजीब सा आइसोलेशन महसूस होता.
बाकी क्या –जो चल रहा सो चल रहा। सब चीज कथित रूप से “नार्मल’ है या नार्मल होने के लिए प्रिटेंड ( दिखावा ) कर रहे है.
इसके शायद कुछ समाधान/कारक ( मेरे अपने अनुभव से ) के बारे में लिखूंगा…
– मनोज ठगिया
हाँ, मैं समझता हूं कि जीवन गुलाबों और विलासिता का बिस्तर नहीं है, जहां बिना प्रयास किए सब कुछ अपने आप में मिल जाता है.

_ लेकिन यह सुसाइड, हार्ट अटैक, या काम के दबाव, कभी न खत्म होने वाले तनाव, एक प्रतिस्पर्धी दुनिया, सफलता, विफलता, नौकरी असुरक्षा, मानसिक शांति की कमी, किसी भी तरह के उत्पीड़न, या जो कुछ भी होने की कीमत पर नहीं होना चाहिए.
–हम सभी के भीतर समाधान है, लेकिन इसे अनुकूलित करना सबसे कठिन है
_एक स्वस्थ, संतुलित जीवन शैली को अपनाते हुए,
मेरा समय, परिवार और दोस्तों के साथ, और शारीरिक कल्याण, ध्यान, योग आदि के लिए हो..,
_और अनावश्यक तनाव, झगड़े, तर्कों से बचना, अति महत्वाकांक्षी होना, राजनीतिक मानसिकता होना (विशेष रूप से अपने प्रियजनों के साथ), तकनीकी, मोबाइल और सोशल मीडिया पर कम निर्भर होना, वर्तमान में रहना, कम उम्मीद करना,
_जो है उसका आनंद लेना, और भविष्य के बारे में जोर देने के बजाय आगे के रास्ते के लिए अच्छी योजना बनाना,,
__आपकी जो भी भूमिका है, आपको अपना समय और कौशल बढ़ाना चाहिए,
_स्वस्थ आदतों को अनुकूलित करना चाहिए, कुछ चंचलता जोड़ना चाहिए,
_और कुछ ऐसा करना चाहिए जो आपके दैनिक दिनचर्या और नियमित कार्य दिवस से पूरी तरह से अलग हो.
_यह जीवन में हार्ट की बीमारी, स्ट्रोक, एंक्जाइटी, गंभीर डिप्रेशन में मदद करता है..!!
“”जो लोग अकेले रहना नहीं जानते, वे हर समय दूसरों से अनुमोदन [ Approval ] और अटेंशन [ Attention ] की भीख मांगते रहते हैं.”

_ आपको अकेले रहना सीखना होगा, चुप रहना सीखना होगा, दूसरे के साथ घुलने-मिलने में सक्षम होना होगा,
_ क्योंकि हर एक के अंदर एक बड़ा अकेलापन रहता है.
_हमारे अंदर एक ऐसी जगह है, जहां हमारे अलावा कोई नहीं जाता.
_ और हमें यह भी नहीं पता कि _यह जगह कैसी है.
_इसलिए हमें एक-दूसरे के अकेलेपन का और एकांत… का सम्मान करना सीखना होगा..!!
Question : अकेलेपन से कैसे उबरा जाए ?
How to overcome loneliness ?
Answer : सबको एक न एक दिन अकेला होना है.
इस दुनिया में इंसान अकेला आता है, अकेला जाता है.
इस जीवन यात्रा में कुछ लोग राह में मिलते हैं, अपना गंतव्य [ Destination ] आने पर साथ छोड़ देते हैं.
यही जीवन का सत्य है _जिसे स्वीकार करना होता है.
किसी का साथ होना मात्र संयोग होता है और किसी का बिछड़ना भी..!
इसके लिए मनुष्य को मानसिक रूप से हर समय तैयार रहना चाहिए..!!
_ खुश रहने के अनेक उपाय हैं. _ वे उपाय आपके पास नहीं आएंगे, आप को उनके पास जाना होगा..!!
Question : जब आप अकेलापन महसूस करते हैं तो क्या करते हैं ?
Question : जब आप अकेलापन महसूस करते हैं तो क्या करते हैं ?

Answer : मैं किताब, संगीत और हर खूबसूरत चीज़ [ Meditation ] के साथ _खुद की एक छोटी सी दुनिया में _खुद को बंद करने के आनंद को _बहुत तीव्रता से महसूस करता हूं.

_ मुझे याद है कि मैं कैसे जीना चाहता हूं और इसके लिए एक ईमानदार प्रयास करता हूँ, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए अपना सब कुछ दे रहा हूं.!!

-मैं हवा को, संगीत को सुनता हूं, आकाश, नदियों, पक्षियों को देखता हूं और खूब नाचता हूं.

– मेरी सबसे अच्छी बात यह है कि मेरे बाहर और मेरे अंदर कोई अंतर नहीं है.

– बाहर और भीतर दोनों जगह एक ही चीज महसूस करने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है.

_मैं इसका भरपूर आनंद उठाता हूं और अंदर से सुंदर महसूस करता हूँ.

_ जब हम अंदर से सुंदर महसूस करते हैं तो हर कोई नोटिस करता है. _ हर कोई हमारे साथ चलना चाहता है.

और तब आपको एहसास होता है कि जीवन को सहज बनाना कितना आसान है.

दुनिया को सहज बनाना कितना आसान है.

हमारे पास साफ करने के लिए चीजें हैं, लेकिन उससे पहले _हमें अपने दिमाग को अनावश्यक विचारों से साफ करना होगा. _और अपने ऊपर उन चीज़ों का बोझ नहीं डाल सकते, जिनका हमारे लिए कोई उपयोग नहीं है.

अब हमें कोई खुरदरापन [ roughness ] महसूस नहीं होता. अतीत की हर चीज़ इस क्षण में विलीन [ merged ] हो जाती है.

हम स्वतंत्र महसूस करते हैं. _हम निडर महसूस करते हैं. _हमें प्यार महसूस होता है.

_ मुझको चलने दो अकेला, रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा !!

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