सुविचार – जॉब [ Joining Others business ], नौकरी, Job, कार्यभार, कोई काम जिसके लिये तनख्वाह मिलती हो. – 105

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घर कहीं, जॉब कहीं, अपने कहीं, सपने कहीं !!
जॉब करने वालों के घर कहीं, अपने कहीं और सपने कहीं..

_ बस इंसान इसी में उलझने सुलझने में अपनी ज़िन्दगी गुजार देता है..!!

अधिकांश लोगों को वह माहौल पसंद नहीं आता _जिसमें वे काम करते हैं,

_फिर भी वे अपने परिवार के बारे में सोचकर जॉब नहीं छोड़ पाते.!!

“ज़िंदगी बसर करने के लिए कोई जॉब या कोई काम मायने नहीं रखता,

_ जब तक कि वो मन का न हो … उसमें संतुष्टि भाव न हो या उससे खुशी न मिले !;”

जिंदगी एक ही मिली है.. हमें विस्तार क्यों नहीं करना चाहिए..?

_ मेरा एक ही फंडा है,
_ अगर जीवन जीना है तो पसंद का काम करो.. जो आपको खुशी देता है,
_ और अगर गुजारनी है तो.. अनेकों काम हैं दुनियां में..!!
_ “तो जियो ना एक ही जिंदगी है”
बहुत से काम ऐसे हैं जो हमारी रुचि के नहीं होते, फिर भी हम करते हैं.

_ करते हैं क्या, करने पड़ते हैं.
_ कई बार नौकरी अपने मन की नहीं मिलती, योग्यता किसी अलग विषय में हासिल की होती है,
_ रोज़ी-रोटी कमाने के लिए काम कुछ और करना पड़ता है.
_कई बार साथ जीने के लिए अच्छे लोग नहीं मिलते, फिर भी उन्हें निभाना पड़ता है.
_ कई बार लगता है, यह ज़िन्दगी जीने के लायक नहीं, तब भी हमें जीना पड़ता है.
_ जीवन के इस मंत्र को अपना लो कि जो अरुचिकर है, जिसे बदला न जा सके,
_ या तो उसे स्वीकार कर लो या छोड़ दो..!!
अजीब कश्मकश है ” कोई नौ से पांच की जॉब के लिए परेशान है,

_ तो कोई नौ से पांच की जॉब से परेशान है !!

*बढ़िया पैकेज की जॉब के अलावा भी जीवन में बहुत कुछ है, जिसे किया जा सकता है और करते हुए शान से जिया जा सकता है*
जब काम करना ही है तो उसमें बेचारगी का रोना क्यों ?…. क्यों ना खुशी-खुशी किया जाए..

_ खुशी से काम करने से काम के साथ-साथ खुद के साथ भी न्याय होता है.!!

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