सुविचार – बहन – 025

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अच्छे मित्र आयेंगे और चले जायेंगे, लेकिन एक बहन हमेशा मित्र के रूप में साथ देती है.
बहन – नदियों की तरह होती हैं जो सदैव अपने हिस्से का कुछ न कुछ देती रहती हैं .. और फिर भी अपने बहाव में बिन रुके बहतीं रहती हैं.
दुनिया में भाइयों की सबसे शक्तिशाली और ईमानदार रक्षक बहनें ही होती हैं.
बहनें हसीं बांटती हैं और आंसू पोंछती है.
बहनें खुशनसीबी का प्रतीक है.
बहना राखी पर तुम आ जाना,

अटूट बन्धन ये, जीवन भर का,

पड़ेगा तुझको निभाना ।

माना हम बहुत व्यस्त है,

सच कहता हूँ, मगर,

पूरी जिन्दगी अस्त व्यस्त है।

याद आता है बहना, वो पुराना जमाना,

छोटी छोटी बात में रूठना मनाना।

मेरी हर फरमाइशों को पल में पूरा करना,

मम्मी पापा के सो जाने पर,

चाय के साथ कुछ भी बना कर ले आना,

घन्टों घन्टों, रात भर कुछ मेरी सुनना,

कुछ अपनी सुनाना, दीदी बहन के साथ साथ

दोस्त भी बन जाना, दोस्ती निभाना ।

याद आता है वो लड़ना झगड़ना,

लेकिन फिर भी मुझे बचाने के लिये,

झूठ बोलकर मम्मी से पिट जाना।

अपने प्यार को फिर से,

राखी के धागे में सँजो लेना,

चली आना कलाई पर बाँधने,

ये वादा भी ले जाना बहना,

जब भी तुझको जरूरत होगी,

पलक झपकते ही मुझे सामने पायेगी,

सदियों की रीत मुताबिक,

राखी का सम्मान बहना पायेगी।

बहना तुम आ जाना,

ढेरों गिफ्ट साथ ले आना,

नही चलेगा कोई बहाना ।।

।। पीके ।।

नहीं चाहिए हिस्सा भइया,

मेरा मायका सजाए रखना.

राखी भैया दूज पर मेरा,

इंतजार बनाए रखना.

कुछ न देना मुझको चाहे,

बस अपना प्यार बनाए रखना.

पापा के इस घर में,

मेरी याद सजाए रखना.

बच्चों के मन में मेरा,

मान बनाए रखना.

बेटी हूं सदा इस घर की,

यह सम्मान संजोए रखना.

रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में प्रसून जोशी की एक रचना:

बहन अक्सर तुम से बड़ी होती है
बहन अक्सर तुम से बड़ी होती है,
उम्र में चाहे छोटी हो,
पर एक बड़ा सा एहसास ले कर खड़ी होती है ।
बहन अक्सर तुम से बड़ी होती है,
उसे मालूम होता है तुम देर रात लौटोगे,
तभी चुपके से दरवाजा खुला छोड़ देती है,
उसे पता होता है तुम झूठ बोल रहे हो,
और बस मुस्कुरा कर उसे ढक लेती है ।
वो तुमसे लड़ती है पर लड़ती नहीं,
वो अक्सर हार कर जीतती रही तुमसे ।
जिसे कभी चोट नहीं लगती ऐसी एक छड़ी होती है,
बहन अक्सर तुम से बड़ी होती है ।
पर राखी के दिन जब एक पतला सा धागा बांधती है कलाई पे,
मैं कोशिश करता हूँ बड़ा होने की,
धागों के इस रार पर ही सही,
कुछ पल के लिए मैं बड़ा होता हूँ,
एक मीठा सा रिश्ता निभाने के लिए खड़ा होता हूँ,
नहीं तो अक्सर बहन ही तुमसे बड़ी होती है,
उम्र में चाहे छोटी हो, पर एक बड़ा सा एहसास ले कर खड़ी होती है ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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