सुविचार – उधार – कर्ज – ऋण – लोन – 057 | Mar 14, 2014 | सुविचार | 0 comments उधार की अमीरी चैन की सांस नहीं लेने देती. ऋण से जो बच गया वो वास्तव में सुखी है, लेकिन आपने महसूस किया कि आपके चारों तरफ से इन्हीं चीजों को थोपा जा रहा है.. _ यहां तक अब टूरिस्ट लोन, शिक्षा लोन इत्यादि भी ___ ऋण एक अंधे कुँवे के सामान है, इससे बचिए.. कर्ज में डूबा हुआ शरीर अपना खून हर दिन सूदखोरों को पिलाता रहता है. जग में पहला दुखी निर्धन है, _ उससे अधिक दुखी कर्जदार है. औकात से बड़े दिखावे, _ इंसान को कर्ज में डूबा देते हैं. जिसके पास किसी का कर्ज नहीं, _ वह बड़ा मालदार है. उधार लेने से धन अधिक खर्च होता हैं. कर्ज वो बीमारी है जो आदमी को जीते जी नरक में ले जाती है, _ _ कर्ज अच्छे से अच्छे परिवार को तबाह कर देता है. लोन देने वाला उस आदमी की तरह है जो सूरज निकलने पर आपको छाता देता है, _लेकिन पानी बरसते ही वह उसे वापस मांगने लगता है. ऋण – कर्ज। यह ऐसी चीज है जो बिना सोचे लिया गया तो आप को निश्चित ही डुबोएगा. एक कर्ज को पूरा करने के लिए दूसरा कर्ज। और इस प्रकार कर्ज बढ़ता ही जाता है. महत्वाकांक्षा पर लगाम लगाएं, _ देखा देखी में, बाइक, कार, फर्नीचर, टीवी मोबाइल अब ईएमआई पर आज कल धड़ल्ले से लिया जाता है और अंत में यह इतना बढ़ जाता है की आय से अधिक खर्च होने लगता है, _ _ ऐसे में आकस्मिक खर्च की स्थिति होने पर लोन लेना पड़ता है, और फिर आप डूबते ही रहते है कर्ज में. — इन दिनों रिश्तों में दूरियाँ बढ़ती ही जा रही हैं, _बढ़ती महँगाई, जानलेवा प्रतिस्पर्धा, आसमान छूते सपने और महत्वाकांक्षाएँ मनुष्य का जीवन इन सबमें पिस रहा है.. उधारी का सामना हमें करना पड़े तो हमारा अन्तःकरण शांत नहीं रह सकता है. जिसने उधार लिया है, वह शांत नहीं रहता. “सादा खाओ, सादा पहनो” आफत न सिर पर आएगी, चार दिन की जिंदगी आराम से कट जाएगी. उधार लेने वालों से निवेदन है कि फालतू खर्च करने से पहले उन लोगों का कर्ज जरूर उतार दें, जिन्होंने नेक इंसान समझ कर आपको उधार दिया था. सुविधाओं और साधनों से संपन्न होने की कोशिश हर व्यक्ति को करनी चाहिए, लेकिन अपनी सीमाओं का ध्यान रख कर. जैसे, अगर आप कर्ज ले कर एक के बाद दूसरी वस्तु खरीदते जाते हैं, तो हो सकता है कि आप कर्ज से इस तरह लद जाएँ कि मन की शान्ति भी गँवा बैठें. यह कोई जरुरी नहीं कि सुविधाओं व साधनों की प्रचुरता एक व्यक्ति और उस के परिवार को सुखी ही रखे. इसलिए सिर्फ सुख सुविधाएँ ही जुटाने पर जोर न दें. आप की सफलता और लोकप्रियता में आप के व्यक्तिगत गुण ज्यादा काम आएँगे. ऋण लेकर नया धंधा शुरू करने से पहले उन संभावनाओं पर भी गहन विचार कर लेना चाहिए कि अगर धंधा ना चला तो आप लिया गया ऋण उतार पाओगे ?? कुछ लोगों की जिंदगी ठीक- ठाक चल रही होती है, मगर वो गलत सलाह या अति उत्साह में ऐसा कदम उठा लेते हैं कि वो आत्मघाती सिद्ध हो जाता है और वो सड़क पर आ जाते हैं याद रखिये, रिस्क लेना बुरी बात नहीं, मगर औकात से बढ़कर लिया गया रिस्क तबाह कर सकता है और जब बुरे दिन शुरू होते हैं, तब सारे अपने मुहँ मोड़ लेते हैं और जर्रा जर्रा दुश्मन हो जाता है. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ