कुछ वही रहा, कुछ बदल गया..
_ दिन वही रहा, दिनांक बदल गया..
_ घर बदल गया, लोग बदल गए..
_ रिश्ते वही रहे, मायने बदल गए !
_ आ गए हम कहां कि, सब कुछ बदल गया..
_ मुड़ना जो चाहा तो, मोड़ बदल गए थे..
_ मिलना जो चाहा उनसे तो, वो लोग जा चुके थे..
_ जो रह गए थे शेष, वो भी ख़ुद को बदल लिए थे !
_ शरारत जो करना चाहा तो, वो उम्र जा चुकी थी..
_ उम्र के इस पड़ाव पर, वो बात जा चुकी थी..
_ आहत जो हुआ दिल तो, ढूंढ़ने लगा किसी को..
_ मिलता भी कोई कैसे, कि रोशनी जा चुकी थी !
_ मंजिल वही रही, पर रास्ते बदल गए..
_ वक़्त के इशारे बदल गए..
_ लगता है जैसे, सब कुछ बदल गया.!!
कुछ वही रहा, कुछ बदल गया..
—दूर होने का फैसला आसान नहीं था, कौन कहता है दिल परेशान नहीं था..
_ खामोशी के पीछे छुपे थे आंसू, कौन कहता है दर्द का नामोनिशान नहीं था.!!