सुविचार 4585
_ यह भ्रांति है हमारी.. प्राथमिक रूप से हम अपने ही साथ कर रहे हैं.!!
_ यह भ्रांति है हमारी.. प्राथमिक रूप से हम अपने ही साथ कर रहे हैं.!!
फिर केवल नकारात्मक बातें होंगी और शिकायतों का पिटारा होगा …!!
जिस काम को करने की योग्यता उनमें है.
_ हालाँकि मैं रोज़ एक घंटा एकांत में Meditation करता हूँ, लेकिन आज का Group Meditation अनुभव बहुत ही विशेष और गहराई से स्पर्श करने वाला रहा.
_ Meditation के दौरान वातावरण की शांति, सभी साधकों की सामूहिक ऊर्जा और केंद्र की सात्विकता ने मेरे Meditation को सहज रूप से भीतर गहराई तक ले गया.
_ वहाँ का vibe बहुत ही अपनापन देने वाला था — जैसे कोई भी प्रयास किए बिना अंतर स्वतः ही शांत और स्थिर हो गया.
“अकेले में शांति थी, और सभी के संग में शांति का गहरा स्वर था”
_ मैं आभारी हूँ कि मुझे इस Group Meditation में सम्मिलित होने का अवसर मिला. ऐसे अनुभव आत्मा को पोषण देते हैं.
_ आज सुबह का मैडिटेशन अनुभव कुछ अलग ही रहा.
_ भीतर एक अनकहा मौन था, और बाहर एक सहज ऊर्जा का स्पर्श.
_ ग्रुप मैडिटेशन में बैठकर ऐसा लगा.. जैसे मेरी अपनी हलचलें किसी गहरे सागर में उतरती जा रही हों.
_ पहली बार ऐसा नहीं था कि मैं मैडिटेशन में बैठा,
_ पर आज कुछ ऐसा था जो “सिर्फ मेरे भीतर नहीं, सबके बीच भी शांति” बन गया.
_ विचार आए — पर ठहरे नहीं.
_ साँसें चलती रहीं — पर जैसे किसी और गति से.
_ और अंत में जब आँखें खुलीं, तो मन वही नहीं था —
_ थोड़ा हल्का, थोड़ा निर्मल, थोड़ा और पास खुद के.
_ वहां का वातावरण इतना सहज और शांत था कि.. लगा जैसे मैडिटेशन सिर्फ क्रिया नहीं, एक आत्मीय संगति है.
—🌿> “आज का मैडिटेशन मौन नहीं था, एक करुणा थी — जो भीतर से बह चली”
बस इतना कहता … ज्ञानी
कभी न कभी काम आ ही जाती है.
जब आपका अपने विचारों पर नियंत्रण होता है, तो आपका अपने जीवन पर नियंत्रण होता है.
जब आप उनको उन्हीं की तरह अनदेखा करना सीख जाओगे.