मस्त विचार 1209

एक इनसान बन जाओ तुम.

जहाँ बसा है घोर अंधेरा, वहीं पर दीप जलाओ तुम.

भीड़ भरी दुनिया में, एक इनसान बन जाओ तुम.

कतरे गये हैं जिन पंछी के पर, उन्हें उड़ना सिखाओ तुम.

डूब रही है भंवर में नइया, उसे साहिल पर ले आओ तुम.

जहाँ बसा है घोर अंधेरा, वहीं पर दीप जलाओ तुम.

ज्ञान की पावन धारा को, गंगा की तरह बहाओ तुम.

एक इनसान बन जाओ तुम.

भटक गये जो अपने पथ से, उनको पथ पर लाओ तुम.

शूल कभी न बोओ यहाँ पर, ऐसी सीख सीखाओ तुम.

जहाँ बसा है घोर अंधेरा, वहीं पर दीप जलाओ तुम.

एक इनसान बन जाओ तुम.

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