मस्त विचार 1250

“किस्मत”

दो कदम चलते हैँ आगे तो,

चार कदम पीछे खींच लेती है किस्मत,

पल पल जिंदगी के मायने,

बदल देती है किस्मत।

हौसला रखें भी तो कितना,

पल में हिम्मत तोड़ देती है किस्मत।

घुट घुट कर सांस लेते लेते,

खुली हवा में आ गए तो क्या ?

आँधियाँ चला कर, फिर ,पल में

साँसे उड़ा देती है किस्मत ।

सहारा भी क्या करेगा, जब,

वक़्त मार देती है किस्मत ।

वफ़ा खरीदने की कीमत नहीं जेब में,

बेवफाई का तमगा लगा देती है किस्मत।

नींद आई नहीं रात, देर तलक

आँखे भी खुली मगर देर तक,

प्यास में भी आस की बूंदों के लिए,

रेगिस्तान में दौड़ाती रही किस्मत,

अपनी भी जोर आजमाईश देखो यारों फकीरी में,

तूफानों में बढ़ाई जो कश्ती,

बदल कर रास्ते, रास्ता दिखाती गयी किस्मत ।।

।। पीके ।।

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected