मस्त विचार 1658

तमन्ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

यह मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

मुझे गम है कि मैने जिन्दगी में कुछ नहीं पाया

ये ग़म दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे

ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

ये दुनिया भर के झगड़े, घर के किस्से, काम की बातें

बला हर एक टल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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