मस्त विचार 1884

खुद की तलाश में क्युं दूर भटकता हूं,

खुद के अंदर झांकने में क्युं अटकता हूं,

बाँध के झूले भ्रम के क्युं लटकता हूं,

क्या वजह है जो मैं खुद को यू खटकता हूं..

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