मस्त विचार 2115

खुदगर्जों की इस बस्ती में _ अहसान भी है एक गुनाह,

_ जिसे तैरना सिखाओ _ वही डुबोने को तैयार खड़ा है.

कोई किसी पर यूं ही अहसान नहीं करता…

_ और अपने तो अहसान के बदले गुलामी चाहते हैं..!!

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