यदि कोई मनुष्य विश्वासों से प्रारंभ करेगा तो अंत संदेहो में होगा, परन्तु यदि वह संदेहों से प्रारंभ कर सके तो अंत में उसे विश्वास की प्राप्ति होगी.
कुछ पुस्तकें चलने मात्र की होती हैं, दूसरी निगाह डालने योग्य और कुछ ऐसी होती हैं, जिन्हें चबाया और पचाया जा सके.
मौन मूर्खों का गुण है.