मस्त विचार 555

स्वागत करने को तेरा,

हम ने पलकों को बिछाया है.

याद में तेरी आंसू को बहाया है.

हमें मालूम है आदत तेरी

हौले से

हमारी ओर कदम बढ़ाते हो,

ज्ञान की मस्ती बरसाते हो

चले जाते हो.

तेरे क़दमों की चाप को,हम महसूस करते हैं.

ऎसा सजाया है तुम को इस बार

आ गए हो एक बार

तो फिर

जाने ही तुम को नहीं देंगे.

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