मस्त विचार 640

बदली-बदली दुनिया है ये बदले-बदले लोग हैं,

भारी – भारी बातें हैं पर हल्के हल्के लोग हैं.

पता नहीं कब दोस्त यहाँ अपना दुश्मन बन जाएगा,

गहरे – गहरे वादे हैं पर उथले – उथले लोग हैं.

बगुला भगत बने फिरते पर हंस खूब कहलाते हैं,

भीतर से काले, ऊपर से उजले – उजले लोग हैं.

डांवाडोल लिए दिल फिरते, बातें करते सधी हुयी,

जाने किस मद में हैं डूबे बहके – बहके लोग हैं.

मेरी मानो तो दुनियाँ की बातों में मत आ जाना,

भीतर तो दुर्गंध लिए, पर महके – महके लोग हैं.

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