मस्त विचार 782

मैं मानता हूं पैसे से सबकुछ खरीदा नहीं जा सकता

_ परंतु गरीबी से तो कुछ भी खरीदा नहीं जा सकता..!!!

संपन्नता मनुष्य में बहुत सारे गुणअवगुण भर देती है,

परंतु उस के अवगुण भी दूसरों को सदगुण लगते हैं,

जब कि गरीबी मनुष्य से उस के सदगुणों को भी छीन लेती है.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected