मस्त विचार 935

आज भी उन राहों पे, तेरे कदम ढूंढ़ते हैं हम.

जिन पलों में तू था, वे पल ढूंढ़ते हैं हम.

कारवां खुशी का, जाने कब गुजर गया.

रेत पर अब उस के, निशान ढूंढ़ते हैं हम.

दुनिया की भीड़ में, कहाँ खो गया है वो.

हर गली में, उनका मकान ढूंढ़ते हैं हम.

कर भी नहीं गया, वादा वो आने का.

फिर भी हर आहट में, उसे ढूंढ़ते हैं हम.

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