सुविचार – इन्सान की तीस गलतियां – 1022

इन्सान की तीस गलतियां: –

1. इस ख्याल में रहना कि जवानी और तन्दुरुस्ती हमेशा रहेगी।

2. खुद को दूसरों से बेहतर समझना।

3. अपनी अक्ल को सबसे बढ़कर.समझना।

4. दुश्मन को कमजोर समझना।

5. बीमारी को मामुली समझकर शुरु में इलाज न करना।

6. अपनी राय को मानना और दूसरों के मशवरें को ठुकरा देना।

7. किसी के बारे में मालुम होना फिर भी उसकी चापलुसी में बार-बार आ जाना।

8. बेकारी में आवारा घुमना और रोज़गार की तलाश न करना।

9. अपना राज़ किसी दूसरे को बता कर उससे छुपाए रखने की ताकीद करना।

10. आमदनी से ज्यादा खर्च करना।

11. लोगों की तक़लिफों में शरीक न होना, और उनसे मदद की उम्मीद रखना।

12. एक दो मुलाक़ात में किसी के बारे में अच्छी राय कायम करना।

13. माँ-बाप की खिदमत न करना और अपनी औलाद से खिदमत की उम्मीद रखना।

14. किसी काम को ये सोचकर अधुरा, छोड़ना कि फिर किसी दिन पुरा कर लिया जाएगा।

15. दुसरों के साथ बुरा करना और उनसे अच्छे की उम्मीद रखना।

16. आवारा लोगों के साथ उठना बैठना।

17. कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना।

18. खुद हराम व हलाल का ख्याल न करना और दूसरों को भी इस राह पर लगाना।

19. झूठी कसम खाकर, झूठ बोलकर, धोखा देकर अपना माल बेचना, या व्यापार करना।

20. इल्म, दीन या दीनदारी को इज्जतन समझना।

21. मुसिबतों में बेसब्र बन कर चीख़ पुकार करना।

22. फकीरों, और गरीबों को अपने घर से धक्का दे कर भगा देना।

23. ज़रुरत से ज्यादा बातचीत करना।

24. पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार नहीं रखना।

25. बादशाहों और अमीरों की दोस्ती पर यकीन रखना।

26. बिना वज़ह किसी के घरेलू मामले में.दखल देना।

27. बगैर सोचे समझे बात करना।

28. तीन दिन से ज्यादा किसी का.मेहमान बनना।

29. अपने घर का भेद दूसरों पर ज़ाहिर करना।

30. हर एक के सामने अपना दुख दर्द सुनाते रहना।

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected