सुविचार 1091 | Mar 24, 2016 | सुविचार | 0 comments बिना तथ्य को जाने, बिना तथ्य को समझे, बिना सच्चाई को जाने, सुनी- सुनाई बात, अथवा मन के अनुमान जोड़ कर किसी के विषय में अहितकारी बात सोचना – यह है निन्दा. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ