सुविचार 1091

बिना तथ्य को जाने, बिना तथ्य को समझे, बिना सच्चाई को जाने, सुनी- सुनाई बात, अथवा मन के अनुमान जोड़ कर किसी के विषय में अहितकारी बात सोचना – यह है निन्दा.

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