हम सब सच्चाई से कोसों दूर हैं, हम सिर्फ जीवन का वही पक्ष देखतें हैं ; जो हम देखना चाहतें हैं.
_ जब कि वास्तविकता में जीवन वह है, जो हम देख नहीं पातें हैं ; इसलिए अपनी दृस्टि को विस्तार दें, खुद को सजग और सच्चा बनायें.
जब तक पूरी कहानी पता न चल जाए, तब तक किसी का पक्ष न लें,
_ कुछ लोग दूसरों को बुरा दिखाने में माहिर होते हैं.!!