सुविचार 1268

दुनिया में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो अपनी दुर्दशा या कमियों का रोना तो रोते रहते हैं, लेकिन उन के कारणों को दूर करने के लिए उन के द्वारा कोई पहल नहीं की जाती. भले ही कोशिशों से हालात बदले जा सकते हों.

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