सुविचार – स्मृति, स्मृतियाँ, स्मृतियां, स्मृतिया, यादें, याद, फोटो, तस्वीर – 130 | Apr 2, 2014 | सुविचार | 0 comments स्मृतिया….यादें….. स्मृतियों का नियंत्रण यदि आपके पास है तो जीवन में काफी कुछ आसान हो जाता है, क्यूंकि ज्यादातर हम विगत की अच्छी और बुरी यादों और बातों में उलझे रहते है ! और उनके अनुसार अपना वर्तमान बनाते है या प्रभावित कर लेते है ! अतः ऐसी चीज़ों पर नियंत्रण रखिये _क्युकी जो बीत गया वो कितना ही अच्छा या बुरा हो वर्तमान काल सर्वश्रेष्ठ होता है !! हम कुछ भी कर लें, सफ़ल हो जाएं पर मन में छिपी कुछ शून्यताओं को कभी नहीं भर पाते … _ वो स्मृतियों के दंश के रूप में वर्तमान रहकर हमेशा चुभती रहती हैं..! खोए हुए पल और लम्हें कहाँ मिलते हैं ? _ अगर मिलते हैं किसी की यादों से, किसी की बातों से, किसी की मुलाकातों से और सबसे बढ़कर किसी की संजोई हुई किसी वस्तु या कहानियों के माध्यम से तो जीवन का महत्व समझ में आता है कि हम उसे पल पल कितना क्षीण कर रहे हैं..!! हम हमेशा उन्हें क्यों याद करते हैं जो हमारे नहीं हो सकते ? Why do we always miss those who can’t be ours ? खुशमिज़ाज इंसान से वह मेरी पहली और अंतिम मुलाकात साबित हुई. _ अब याद ही याद. यह अजीब है कि लोग कैसे कहते हैं कि वे आपको याद करते हैं, _ लेकिन आपसे मिलने का प्रयास भी नहीं करते..!! “यादें असल में अकेलेपन की साथी होती हैं, _ जो आपको अकेलेपन से बचाकर रखती हैं.” फोटो और तस्वीरों का होना ज़रूरी हैं.. _ जो आपको बाद में आपके सभी रस्मों-अनुष्ठानों की एक झलक दिखाए..!! समय के साथ बहुत कुछ भूल जाते हैं… _ लेकिन कुछ खास यादें बहुत याद आती हैं !! यादें भी कुछ कहती हैँ, अतीत में जो मिला उसको फिर से पाना चाहती हैँ. यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती है, लोग तो पल भर में बिछड़ जाते हैं.!! अजीब लोगों का बसेरा हैं यहाँ, गुरुर में मिट जाते हैं मगर याद नहीं करते.. कुछ यादें फूलों जैसी होती हैं, लेकिन चुभती कांटों जैसी हैं..!! छोटी छोटी यादें ही जिंदगी का सरमाया होती हैं.. _जिन्हे याद करते जिंदगीभर कुछ खुशी तो कुछ गम दामन को बार-बार भिगोते रहते हैँ !! याद रखना कि आज जो स्मृति में जगह बनाए हुए है, कल वह विस्मृत होगा. _ और जो विस्मृत हो चुका है वह ज़रूर कभी न कभी स्मृति में लौटेगा.. “क्योंकि यही जीवन है..” अपनी यादें बनाएं … कहीं भी कैसे भी बनाएं.. _ ये वक्त जो बीत रहा है, लौट कर नहीं आएगा. _ इससे बेहतर होगा, पर यह नहीं होगा.. इस वक्त की मासूमियत नहीं होगी..!! _ ज़िंदगी यादों का पिटारा है, _ यादें हैं तो ज़िंदगी है. _ हर आदमी की ज़िंदगी सिवाय यादों के कुछ भी नहीं.. _ कई यादें संयोग भी होती है. _ ज़िंदगी के डॉट्स जोड़ेंगे तो कई कहानियां उभरेंगी. _ सारी यादें बहुत सुखद हैं. _ सुखद यादों को संजो कर रखना चाहिए.. _ मुश्किल घड़ी में ये यादें बड़ा सहारा बन जाती हैं..!! अतीत कि अच्छी यादें प्रायः ही दोहराई जाने के कारण हमारे मस्तिष्क में रह जाती हैं.. _जब कि उस जीवन की कठिनाइयाँ हम भूल जाते हैं. _ उस काल का जीवन भी कुछ अच्छा रहता था कुछ कठिन.. _ पर हमें उसके चुनिंदा पल ही याद रह जाते हैं.. _ और सोचा जाए तो यह हमारे लिए, हमारे स्वास्थ के लिए बहुत अच्छी बात भी है. _ निःसंदेह आज की तरह उस समय भागदौड़ नहीं होती थी, प्रकृति से सामंजस्य था. _ लोग शारिरिक श्रम करते थे ..अतः स्वस्थ्य रहते थे. _ बड़े बड़े परिवार एक संग रहते थे और इसलिए परिवार के छोटे बड़े सब स्वयं को संरक्षित महसूस करते थे. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ