सुविचार 208

जब आप मान लेते हैं कि आप दूसरे की तरह उत्कृष्ट नहीं बन सकते, तब आप आगे बढ़ने की सम्भावनाएं भी ख़त्म करने लगते हैं – ज़िन्दगी असीमित सम्भावना का भण्डार है.
महापुरुषो को देख कर मन में आस जगायें कि मानवता यहाँ तक ऊपर उठ सकती है, पीड़ायें तो उनके जीवन में भी थी, वे उनकी परवाह न करके आगे बढ़ते चले गए.

 

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected