मेरे विचार से असली चमत्कार जल पर या वायु में चलना नहीं है, बल्कि धरती पर चलना है. प्रतिदिन हम किसी न किसी चमत्कार में शामिल होते हैं जिसे हम पहचान भी नहीं पाते : नीला आकाश, सफ़ेद बादल, हरे पत्ते, किसी बच्चे की काली उत्सुक आँखें – हमारी अपनी दो आँखें – सबकुछ एक चमत्कार है.
—टिक नैट हन