सुविचार 2264

यदि हम हर समय स्वयं के दोषों को निहारेंगे, स्वयं को दोष देंगे, अपनी कमियां देखेंगे तो उदास ही रहेंगे. खुशी हमें तभी मिलती है, जब हम अपने गुणों को प्रश्रय देते हैं, अपने गुणों में वृद्धि करते हैं और अपनी विशेषताओं का भरपूर उपयोग करते हैं.

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