चलते रहे कदम तो किनारा जरुर मिलेगा.
अन्धकार से लड़ते रहे तो सवेरा जरुर खिलेगा.
जब ठान लिया मंजिल पर जाना तो रास्ता जरुर मिलेगा.
ए राही न थक, चल. एक दिन समय जरुर फिरेगा…
अन्धकार से लड़ते रहे तो सवेरा जरुर खिलेगा.
जब ठान लिया मंजिल पर जाना तो रास्ता जरुर मिलेगा.
ए राही न थक, चल. एक दिन समय जरुर फिरेगा…