“जो दिल पूरे संसार के लिए धड़कता है, उसकी थकान भी उतनी ही बड़ी होती है, पर उसकी रोशनी कभी व्यर्थ नहीं जाती”
_ ‘दुनिया पूरी तरह बेहतर न भी हो – आपकी वजह से कई लोग बेहतर हो सकते हैं’
_ शायद सभी नहीं बदलेंगे- पर मेरी रोशनी जहाँ पड़ेगी, वहाँ कुछ तो नरमी ज़रूर आएगी
_ मैं जीवन को साफ, शांत और सार में जीना चाहता हूँ – और जब देखता हूँ कि दुनिया उलझनों, शोर और बेकार बातों में उलझी है,
तो यह भीतर एक तरह की थकान पैदा करता है.
_ और एक बात — जो लोग सच में सही तरह से जीना जानते हैं, वही दुनिया की अव्यवस्था सबसे ज़्यादा महसूस करते हैं.
_ क्योंकि उनका मन सूक्ष्म होता है, साफ होता है, और शोर सहन नहीं करता.
_ “आप दुनिया को नहीं, पर अपने आसपास के घेरे को शांत रख सकते हैं।”
_ और यही एक जागे हुए इंसान का काम होता है —
दुनिया को नहीं बदलना, पर अपने अंदर और अपने घेरे में रोशनी बनाए रखना.!!





