अहंकार ….
लोभ और क्रोध क्षणिक भी आये तो ठीक नहीं, किन्तु यदि ये आ जाये तो इन्हें शीघ्र विदा कर दें, यदि ये ज्यादा देर तक ठहरे और अहंकार से जुड़ गए तो फिर इनको विदा करना लगभग असंभव हो जाता है ! क्योंकि अहंकार कई बातों की आड़ ले लेता है और इन दोनों से तो क्या सबसे ज्यादा खतरनाक होता है ! अतः ध्यान रखे काम क्रोध लोभ मोह वैसे तो क्षणिक भी ठीक नहीं किन्तु अहंकार के साथ ये स्थायी हो जाते हैं !!!