अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं ;
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं ;
अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं;
” जीवन का आनन्द मिलजुल कर रहने में ही है ”
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं ;
अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं;
” जीवन का आनन्द मिलजुल कर रहने में ही है ”